ओ पर्वत दिगारा ! इतनी करुण पुकारें, तुझे सुनायी दे रही क्यूं नहीं हैं।। ओ पर्वत दिगारा ! इतनी करुण पुकारें, तुझे सुनायी दे रही क्यूं नहीं हैं।।
कहीं आतंक का साया,कहीं भूख की है छाया हमारा दिल रोता उनके अच्छे के लिए हरदम, हम मानत कहीं आतंक का साया,कहीं भूख की है छाया हमारा दिल रोता उनके अच्छे के लिए हरदम, ...
आधे से कुछ सपने हैं, अधूरी सी कुछ ख्वाहिशें, अधूरे हैं हम, अधूरी हैं शायद कुछ आजमाइशें आधे से कुछ सपने हैं, अधूरी सी कुछ ख्वाहिशें, अधूरे हैं हम, अधूरी हैं शायद कुछ...
मेरी माँ मेरी ओढ़नी दुनिया में सबसे न्यारी, मेरी जरूरतें पूरी होती सारी इससे बड़ी मेरी माँ मेरी ओढ़नी दुनिया में सबसे न्यारी, मेरी जरूरतें पूरी होती सारी ...
खुद को खोने के बाद तुमको पाया है, रब ने ये रिश्ता कभी ना टूटे ऐसा बनाया है। खुद को खोने के बाद तुमको पाया है, रब ने ये रिश्ता कभी ना टूटे ऐसा बनाया है।
बड़ों का छाया आशीर्वाद सम होता है, इसके बिना जीवन सदा विषम होता है. बड़ों का छाया आशीर्वाद सम होता है, इसके बिना जीवन सदा विषम होता है.